क्योंकि, कोरोना अब हमारा मेहमान है...
बेबस है सारा जहाँ
लाचार बैठे हैं सब यहां वहां
कई ख्वाब अधूरे हैं
कही लंच के वो डब्बे खाली हैं
तो कहीं मीटिंगहॉल कि कुर्षियांं निढाल हैं
Social distancing एक नए culture की आगाज है
क्योंकि, कोरोना अब हमारा मेहमान है।
हर तरफ छाया एक घंघोर अंधेरा है
लगता है जैसे खौफ का वो एक बसेरा है।
जिन रास्तों पे हम बंजारों सा फिरा करते थे
क्योंकि, कोरोना अब हमारा मेहमान है
हर सुबह की अखबारे जो देती हमे सुकून थी
आज उनके हर पन्नो पे मौत का नया इश्तेहार है
जान जोखिम में डाल, लड़ रहे वीर जवानों को हमारा सलाम है
क्योंकि कोरोना हमारा मेहमान है
पूरी धरती अब खौफ का एक मैदान है
मौत का तांडव तो देखो ना तीर है ना हथियार है
फिर भी वो मौत का पूरा सामान है
क्योंकि, कोरोना अब हमारा मेहमान है।।
:- Puskar Srivastava






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