Aaj Deewali Hai...
अंधेरी रातों से एक पुराना राबता है
मेरी हर खामोशी को उसने सुना है
मेरे लड़खड़ाते कदमों को भी उसने परखा हैहां, अंधेरे ने मुझे बहुत परखा है
उसने रिश्तों के मायने भी समझाये हैं
हर बिछड़ते अपनो के गम में उसने मुझे टटोला है
हाँ, अंधेरे ने मुझे बहुत परखा है
पर आज दीवाली है,
आज अँधेरी रातों में, एक दिया जलाएंगे
बिछड़ते उन रिश्तों में बंधकर
प्यार के कुछ नगमे गुनगुनायेंगे
गम में डूबे दिलों को कुछ नए ख्वाब दिखलायेंगे-2
गम उनके बांटकर उन्हें कुछ हल्का कर जाएंगे
आओ हर बार से अलग, इस बार कुछ यूं दीवाली मनाएंगे
माना अंधेरा अटल है
अभिन्य उसकी कहानी है
वहीं पुराने लोग हैं
वहीं पुरानी बातें
ओर वहीं उनकी जिंदगानी है
कुछ नए रिश्ते हैं तो कुछ उनकी अनोखी कहानी है
अपनो के साथ नहीं हैं तो क्या ग़म-2
कुछ ख्वाहिशें है
कुछ उम्मीदें हैं
ओर उजाले की नई रवानी है
दोस्तों आज दीवाली है
भूली बिसरी यादों में खोये
हर उस रिश्ते को मनाएंगे
यादों के गांठ बांध कर
रिश्तों के दिप जलाएंगे
अंधेरों में छिपी हर उस खामोशी को
प्यार गुर सिखलायेंगे
दोस्तो आज दीवाली है
सब मिलकर रिश्तों के दिप जलाएंगे
दोस्तों आज दीवाली है...
Happy deewali to all my love ones...
कुछ उम्मीदें हैं
ओर उजाले की नई रवानी है
दोस्तों आज दीवाली है
भूली बिसरी यादों में खोये
हर उस रिश्ते को मनाएंगे
यादों के गांठ बांध कर
रिश्तों के दिप जलाएंगे
अंधेरों में छिपी हर उस खामोशी को
प्यार गुर सिखलायेंगे
दोस्तो आज दीवाली है
सब मिलकर रिश्तों के दिप जलाएंगे
दोस्तों आज दीवाली है...
Happy deewali to all my love ones...
:- Puskar Srivastava
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