पापा ये सब कैसे कर लेते हो...
Happy father's day
पहचान भी तुम्ही से मेरी है
मैं एक नादान सी टहनी हूँ
जिस पीपल की, वो पिपल तुम हो
थोड़े अजीब हो थोड़े कठिन हो,
वो यादे बचपन की |
इस नादान की समझ से परे हो
पर जब भी डगमगाए मेरे कदम,
देखा सामने तुम खड़े हो।
याद है मुझे बचपन के वो दिन
कैसे दुनिया के लिए शेर
हमारे लिए घोड़ा बन जाता था
अपनी पीठ पर बिठा हमें दुनिया की सैर कराता था
लाख तकलीफें सही होंगी तुमने जिंदगी में
पर जब भी देखो मुस्कराते रहते हो
जाने वो कौन सी बातें होती हैं मा से तुम्हारी
हमारे आने के बाद बदल से जाते हो
दर्द से भरी आंखे तुम्हारी हमे देख खिल सी जाती हैं
अपनी मुस्कान के पीछे सारे दर्द छुपा लेते हो
पापा ये आप कैसे कर लेते हो
थोड़े अजीब हो थोड़े कठिन हो इस नादान की समझ से परे हो।
खुद के लिए कभी शॉपिंग नही करते हो
पर जब भी डगमगाए मेरे कदम,
देखा सामने तुम खड़े हो।
याद है मुझे बचपन के वो दिन
कैसे दुनिया के लिए शेर
हमारे लिए घोड़ा बन जाता था
अपनी पीठ पर बिठा हमें दुनिया की सैर कराता था
लाख तकलीफें सही होंगी तुमने जिंदगी में
पर जब भी देखो मुस्कराते रहते हो
जाने वो कौन सी बातें होती हैं मा से तुम्हारी
हमारे आने के बाद बदल से जाते हो
दर्द से भरी आंखे तुम्हारी हमे देख खिल सी जाती हैं
अपनी मुस्कान के पीछे सारे दर्द छुपा लेते हो
पापा ये आप कैसे कर लेते हो
थोड़े अजीब हो थोड़े कठिन हो इस नादान की समझ से परे हो।
खुद के लिए कभी शॉपिंग नही करते हो
पर हमारी हर जिद्द को पूरी करते हो
आज भी छोटा वाला फीचर फ़ोन चलाते हो
पर हमें हर बार महंगे से महंगा स्मार्ट फ़ोन दिलाते हो
पापा एक बात बताओ, ये सब कैसे कर लेते हो ?।
तुम हो तो बाजार के वो सारे सामान अपने लगते हैं
खुद को मानो तो जैसे हम अम्बानी समझ कर जीते हैं
ये जिंदगी ये नाम ये पहचान सब तुमने ही दिया है
और इसके लिए अपने जिंदगी का पल पल भी देते हो
और कितना लिखु तुम्हारे लिये पापा
HAPPY FATHER'S DAY
आज भी छोटा वाला फीचर फ़ोन चलाते हो
पर हमें हर बार महंगे से महंगा स्मार्ट फ़ोन दिलाते हो
पापा एक बात बताओ, ये सब कैसे कर लेते हो ?।
तुम हो तो बाजार के वो सारे सामान अपने लगते हैं
खुद को मानो तो जैसे हम अम्बानी समझ कर जीते हैं
ये जिंदगी ये नाम ये पहचान सब तुमने ही दिया है
और इसके लिए अपने जिंदगी का पल पल भी देते हो
और कितना लिखु तुम्हारे लिये पापा
एक बात बताओ ये सब कैसे कर लेते हो।।
जब दूर होता हूँ तुमसे जाने कई दफ़ा फ़ोन किया करते हो
क्या खाया कैसे हो सेहत कैसी है वगैरा वगैरा
हज़ार सवाल करते हो
मेरे हरपल की परवाह करते हो
होते हो तुम ऑफिस में पर फिक्र हमारी करते हो
शायद आप, आप हो इसिलए ये सब कर लेते हो।
पापा एक बात बताओ, आखिर इतना सब कैसे कर लेते हो ?।
HAPPY FATHER'S DAY
:-Puskar Srivastava
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