Koi nazar aata nahi...
ख्वाब आते हैं हज़ार
मगर कोई नज़र आता नहीउम्मीद जगती है हर रोज
मगर कोई किरण दिखती नही
टूटे से पड़े अरमां हैं सारे
बिखरे हुए सारे सपने हैं
बुझता हुआ दिया है जिंदगी
जला दे जिसे कोई ऐसा मिलता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार
मगर कोइ नज़र आता नही
टूटे हुए से ख्वाब हैं सारे
बेरुख हो चलीं हैं खुशिया अब-2
आसमाँ में फिरते उस परिन्दे सी हैं जिंदगी
मन्ज़िल का जिसे, शायद कुछ पता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार
मगर कोई नज़र आता नहीं
निराश है हताश है
न बिछड़ने का गम ना जीने की आश है -2
बेशुद्ध हैं नलियाँ सारी
शिथिल पड़ा अब ये लीबाश है
दूर से ढलते उस सूरज को देखते हैं सब
मगर कोई उसकी तरफ जाता नहीं
खाली से पड़े मेरे घर के शोफे भी शिकायत करते हैं
मगर कोई उनसे रुख्शक्त होता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार, मगर कोई नज़र आता नहीं।।
बिखरे हुए सारे सपने हैं
बुझता हुआ दिया है जिंदगी
जला दे जिसे कोई ऐसा मिलता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार
मगर कोइ नज़र आता नही
टूटे हुए से ख्वाब हैं सारे
बेरुख हो चलीं हैं खुशिया अब-2
आसमाँ में फिरते उस परिन्दे सी हैं जिंदगी
मन्ज़िल का जिसे, शायद कुछ पता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार
मगर कोई नज़र आता नहीं
निराश है हताश है
न बिछड़ने का गम ना जीने की आश है -2
बेशुद्ध हैं नलियाँ सारी
शिथिल पड़ा अब ये लीबाश है
दूर से ढलते उस सूरज को देखते हैं सब
मगर कोई उसकी तरफ जाता नहीं
खाली से पड़े मेरे घर के शोफे भी शिकायत करते हैं
मगर कोई उनसे रुख्शक्त होता नहीं
ख्वाब आते हैं हज़ार, मगर कोई नज़र आता नहीं।।
By :- Puskar Srivastava
Part 2 comming soon
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