आज भी शाम गुजर जाएगी...
आज भी शाम कुछ यूं गुजर जायेगी
की हमे फिर तन्हा कर जाएगी
एक तेरे इंतजार में
ये आँखे भी तरस जाएंगी
की हमे फिर से तन्हा कर जाएगी
कुछ तेरी यादें होंगी
कुछ वो हसीन बातें भी होंगी
आज फिर हमे उनसे रूबरू कर जाएगी
ये शाम कुछ यूं हिं गुजर जाएगी
ठंढ हवाओ के झोंके कुछ इस कदर तकड़ायेंगे
मुझे तेरी यादों संग छोड़, सब कुछ दूर निकल जाएंगे
ये शाम यूं ही गुजर जायगी
मुझे तेरी यादों संग छोड़ जाएगी
अंधेरी रातें भी तब सौदा कर जाएंगी-२
एक प्यारी नींद के बदले तेरे हज़ार ख्वाब दे जाएंगी
हर सुबह को तेरे आने का इंतजार रहेगा
हर उस फोन कॉल पे तेरे होने का अहसास रहेगा
ये शाम यूँ ही गुजर जयगी
हमे तेरी यादों संग छोड़ जाएगी
वो शाम की ठंडी चाय
और वो बातें कुछ तेरी याद दिलाएगी
आज भी शाम यूँ ही गुजर जाएगी।
By:- Puskar Srivastava
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